दोस्तों इस महामारी में लगभग सभी ने किसी न किसी अपने को जरूर खोया है पर उनका क्या जो 18 वर्ष से कम उम्र की है तथा जिन्होंने अपने माता पिता दोनों को खो दिया हो तथा उनकी देखभाल के लिए अब कोई ना बचा हो तो आप सोच सकते हैं ऐसी मासूम बच्चों पर क्या बीत रही होगी इन्हीं सब जरूरत बातों को ध्यान में रखते हुए उड़ीसा के राज्य सरकार द्वारा आशीर्वाद योजना लांच की गई है|
आशीर्वाद योजना के मुख्य उदेद्श्य

आशीर्वाद योजना का मुख्य उद्देश्य से अनाथ बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया हो या उस परिवार में किसी कमाने वाले सदस्य जैसे माता या पिता में से किसी एक को खुशियां हो को आर्थिक रूप से कुछ सहायता धनराशि मासिक में दी जाएगी तथा उनकी शिक्षा-दीक्षा का भी ख्याल राज्य सरकार करेगी ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनका इस योजना के अंतर्गत जोड़ा जाना है तथा उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाना है ताकि वे अपना जीवन तथा अपनी शिक्षा समुचित ढंग से कर पाए |
आशीर्वाद योजना के लाभ
- यदि किसी बच्चे के माता-पिता जो कमाते हो वह इस कोरोनावायरस के अंतर्गत उनकी यदि मृत्यु हो जाती है तो वह बच्चा 1500 रुपए प्रतिमाह पाने का हकदार है योजना 1 अप्रैल 2020 से पूर्व व्यापी रूप से चलाई गई है |
- बच्चों को मासिक वजीफा के अलावा उनके इलाज के लिए मुफ्त किया जाएगा जिनके लिए उन्हें बीजू स्वास्थ्य योजना में स्वचालित रूप से शामिल किया जाएगा इसके अतिरिक्त उन्हें राज्य सरकार की सभी राष्ट्रीय एवं राज्य खाद सुरक्षा योजनाओं में एक लाभार्थी के रूप में भी माना जाएगा |
- जहां तक बच्चों के पढ़ाई लिखाई के सवाल है उनके शिक्षा-दीक्षा का सवाल है बच्चे अपनी उस पढ़ाई उसी स्कूल में जारी रख सकते हैं जहां उनके माता पिता की मृत्यु से पहले उन्होंने दाखिला लिया था या बच्चों को उसी स्थानों पर भी भेजा जाएगा जहां उनके रिश्तेदार रहते हैं और उनकी शिक्षा जारी रखने की सुविधा विदेश रखें
- “यदि कुछ बच्चों के लिए यह स्थिति की मांग होती है तो इन बच्चों के लिए आदर्श विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय जैसे स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा” यह बयान सीएमओ द्वारा दिया गया
- बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए माता-पिता रहित बच्चों को ग्रीन पैसेज योजना में शामिल कर लिया जाएगा जिसमें राज्य सरकार उनके शिक्षा का ध्यान रखेगी
- ऐसे रिश्तेदार जो इन अनाथ बच्चों को देखभाल कर रहे हैं उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राथमिकता दी जाएगी इनकी इसके अलावा उन्हें अन्य राज्य सरकार की योजनाओं में आउट ऑफ टर्न लाभ मिलेगा |

अनाथ बच्चों को विरासत में जो संपत्ति मिली है उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला बाल संरक्षण इकाई तहसीलदार और पुलिस को दी जाती है अगर कोई बच्चा किसी ऐसे चाइल्ड के संस्थान में रहता है तो सरकार जब तक वह अनाथ बच्चा 18 वर्ष का पूर्ण होने तक उसको ₹1000 प्रतिमाह उसके खाते में ट्रांसफर करेगी
ऐसे बच्चों की पहचान जिला बाल संरक्षण इकाई चाइल्डलाइन शैक्षिक संगठन पंचायत इस्त्री समिति या प्रखंड स्तरीय समिति अग्रिम पंक्ति के नागरिक समाज संगठनों के समय उनसे इन वचन बच्चों को चिन्हित करेगा तथा उनकी मदद करेगा श्री पटनायक के द्वारा हर्षद नियमित आधार पर विशेष अभियान चलाने पर जोर दिया गया ताकि ऐसे अनाथ बच्चे छूट न पाए तथा उन्हें आशीर्वाद योजना का लाभ मिल सके